बक्श दो माफ् कर दो मुझे
मैंने पाप किएँ हों जो भी
मैं मान लेती हूँ और भाग जाती हूँ
मेरे सच पर इतनी परतें चढ़ चुकी थी
की अब मैं खुद भी भूल चुकी थी हक़ीक़त उसकी
मैंने चाहा था मरना
लेकिन मुझे याद आई पापा की दवाई
मैंने चाहा था कि मैं उसको समझा पाती
लेकिन मुझे बस धुंध याद आयी
मैं कैसे बताऊं आपको
कैसे करूँ मैं हिसाब
और कैसे करूँ अपनी सच्चाई साबित
मैंने नही मारा था उसे,
उसने बहुत पहले ही गला नोंच डाला था मेरा।
मगर सब बेकार था
सब बेमतलब अब।
मैंने पाप किएँ हों जो भी
मैं मान लेती हूँ और भाग जाती हूँ
मेरे सच पर इतनी परतें चढ़ चुकी थी
की अब मैं खुद भी भूल चुकी थी हक़ीक़त उसकी
मैंने चाहा था मरना
लेकिन मुझे याद आई पापा की दवाई
मैंने चाहा था कि मैं उसको समझा पाती
लेकिन मुझे बस धुंध याद आयी
मैं कैसे बताऊं आपको
कैसे करूँ मैं हिसाब
और कैसे करूँ अपनी सच्चाई साबित
मैंने नही मारा था उसे,
उसने बहुत पहले ही गला नोंच डाला था मेरा।
मगर सब बेकार था
सब बेमतलब अब।
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