Friday, March 13, 2020

दुःख

दुःख सारे दुनिया में पैदा नहीं होते
कुछ दुःख आपके भीतर ही जन्म लेते हैं
जैसे 13 महीने पहले दिवार पर टांगी कोई तस्वीर जब आप उतारते हो
तो जो दुःख आपके सीने से होकर पेट तक पहुँचता है
उसे आप दुनियावी दुःख नहीं कह सकते
उसके सारे सिरे आपके भीतर हैं
उसका अस्तित्व आपमें ही रचा गया है