मेरी ज़मीं ..
Wednesday, November 21, 2018
कितनी कहानी मेरी, कितनी मोहब्बत
प्यार में कुआँ होना बर्दाश्त नहीं होता जब
लोग मिटटी हो जाया करते हैं
कुरेदते हैं खुद ही
खा लेते हैं कभी थोड़ा..
और कभी खुद ही करते हैं दफन खुद को...
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..मगर किया
एक दिन आएगा
जब मुझे फर्क नहीं पड़ेगा
और तब, कर लेना कुछ भी तुम..
मैं नहीं लौटूंगी..
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