Saturday, February 4, 2017

दिसम्बर

जीभ पर खून का स्वाद
आत्मा पर तुम्हारा
दिल डूबता है
छिपता है बर्फ में कहीं
चल चलकर थकती नहीं मैं
ख़त्म नहीं होता दिसम्बर, महीनो