मेरी ज़मीं ..
Thursday, March 10, 2016
दर्द में बने रिश्ते लम्बे ठहरतें हैं
हाथों को मुस्कुराते हुए
सपने में ही देखा था उसने
छोटे छोटे हाथ
गला नहीं दबा सकते थे
एक काले दिन में कभी
एक फैंसला जो किया था
वो बीता ही नहीं कभी
बार बार आया वो दिन फिर
और दबाया गला
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