नन्हे नन्हे दो हाथ निकलते हैं मिटटी से
कब्र है शायद वहां
आप सोचते हैं एक पल और बढ़ते हैं आगे
गहरी खाई हरे रंग की
उससे बहता है एक सपना
जन्मो से बहने वाला ये सपना
टूटता है बीच में
और देता है जन्म
एक बच्ची को
कब्र है शायद वहां
आप सोचते हैं एक पल और बढ़ते हैं आगे
गहरी खाई हरे रंग की
उससे बहता है एक सपना
जन्मो से बहने वाला ये सपना
टूटता है बीच में
और देता है जन्म
एक बच्ची को