दबते दबते धीमा हुआ और फिर निकल गया वो
दुबकते दुबकते जैसे घर से भाग जाया करते थे आप दोपहरों में
दरवाज़े खटखटाने से आवाज़ आती है
दिल धड़कने से सन्नाटा जन्म लेता है
दालों को मिलाने से नया स्वाद पता चलता है
और रंगों को मिलाने से अंधेरा हो जाता है
मुझमें और उनमे कोई रिश्ता नहीं था
ना कोई बंधन
लेकिन हम थे
एक दूसरे में मौजूद
ऐसे जैसे ना हों
उसने नज़र घुमायें बिना मुझे देखा तो डर लगा
उसकी नज़रों में दर्द और गुस्सा एक साथ थे जैसे
और दोनो एक दूसरे से दूर
लेकिन एक जगह
एक लम्हे में हम दो जगह हो सकते थे
सच कहूँ तो कईं जगहें
उनमे से कुछ जगहें खामोश थीं
एक औरत आपको खुश नहीं कर सकती
एक रंग भी नहीं
एक हवा नहीं
एक शहर नहीं
लड़की मासूम है
उसे अच्छा जीवन देंगे हम
उसका सोना, जागना, खाना, पीना, काम करना, ना करना
क्या काम करना, कहाँ करना, कैसे करना
हर चीज़ का ध्यान रखेंगे
उसे पूजेंगे देवी बनाकर
पूजाघर रसोई के पास होगा
लड़के को पता है क्या करना है
उसे संभालना है परिवार को
और इस्तेमाल करना है अपनी शक्तियों का
मासूम लड़की की हिफाज़त करनी है
और समाज में इज़्ज़त कमानी है
पैसा कमाना है खूब
ताकि लड़की खुश रह पाए
सोने के महल में दोनो को रोने की इजाज़त ना मिले बस
रोशनी हो इतनी की चमकदार हो हर चीज़
एक बराबर हो सब
ना उपर ना नीचे
रंगों से परे
जीवन से परे
पानी ना हो आसपास
सांस ना आए
ठोस रहे सब
कुछ पिघले ना
मिल ना जाए एक दूसरे में कहीं
हम चुन लेंगे एक दुनिया ऐसी
जहां हर चीज़ की कीमत होगी
आँसूं जहां व्यर्थ नहीं जायेंगे
और हंसी सबकी एक सी होगी
हम हँसेंगे एक साथ
ठहाके लगेंगे समूहों में
और हम सब एक जैसे दिखेंगे
कंप्यूटर lab में रखें ढेरों computers की तरह
सब एक से
सब perfect
दुनिया खूबसूरत होगी
दिन और रात, हर वक़्त सूरज चमकेगा
चांद की ज़रूरत नहीं होगी
सांसे खूब आयेंगी
मौतें कम होंगी
खूशबू कोई ना होगी दूर दूर तक
एक रफ़्तार से ज़िंदगी चलेगी
और सब अच्छा होगा
ऐसा लगता है आपको|
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