हम सब खाली हो जाना चाहते थे
या भर जाना चाहते थे इतना
कि कोई जगह ना बचे अब और कुछ भरने के लिए
लेकिन हमारे पास ना आने का रास्ते बंद
करने के लिए कोई हथियार था
और ना जाने का दरवाज़ा बंद हो सकता था
हम तड़पते थे तो क्रूर लगते थे इतने
कि खुद को मौत कि सजा सुनाना मुमकिन होता
तो हम सब शायद कई कई बार वो कर चुके होते
लेकिन इस कायर वक़्त में
हम सब बैठे नहीं थे एक जगह
और इंतज़ार नहीं कर रहे थे किसी फरिश्ते
का
हम फेंक रहे थे अपना अपना
कचरा एक दूसरे पर
और ऐसे सफाई होनी थी हमारी
उबलते थे हम
और भाप बाहर फेंकते थे
सामने वाले का सांस ले पाना अब इस
बात पर टिका था कि उसकी अपनी भाप कितनी है
कई कई सालों तक हमने पिया है
गरम हवा को
हम नहाते नहीं थे
खरोंचते थे ख़ुद को
क्या पता कब कहाँ से कोई रास्ता बन पाता
चाय हमारी दवा थी
जो कभी कभी अपना काम कर जाती थी
और बाकी वक़्त हम एक दूसरे के भरोसे थे
हम चूड़ियाँ खरीदते थे
रंग बिरंगी, golden,
silver
सब
और हमे लगता था
ऐसे खनक पैदा की जा सकती है ज़िंदगी में
कुछ रंगों में
खुशियाँ सच में थी लेकिन
कुछ दोस्तों के रंगों में
कुछ मेरे भीतर छुपे रंगों में
कुछ कामों में
और कुछ लोगों की मुस्कानों मे
बच्चों जैसी हंसी और खिलखिलाहटों में उनकी
हम एक नहीं हो जाना चाहते थे सब
अलग अलग रहना और साथ देना ही सपना था
हमारा हमेशा
लेकिन हम कमज़ोर थे
खाली थे इतने
कि कचरा भी हमारी
खाली जगह भरता तो हमें उसकी गर्माहट अच्छी लगती
और ऐसे हम एक दूसरे से दूर नहीं गए
बल्कि होते गए कुएं
या कुआँ
एक बड़ा कुआँ
जिसमे पानी नहीं है
लेकिन जिसे विश्वास है
कि एक दिन ज़ोरदार बारिश होगी
इतनी तेज़ कि सब नष्ट होगा उस दिन
लेकिन उसी दिन, उसी एक दिन में
हमें पानी मिलेगा
और हम जीने लगेंगे
भाप शांत होगी हमारी
कचरा बह जायेगा
और हम एक दूसरे को हमारे
होने से जानेंगे
हम जानेंगे की हम सब कितने प्यारे और
मासूम लोग हैं
उन क्रूर चेहरों से अलग
जिनका क़ब्ज़ा रहा है हम पर सालों साल
जब दुनिया खत्म होगी
हम सब जन्म लेंगे
एक साथ
साथ साथ
और जीवन तब शुरू होगा।
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